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” गोली में जन्में भगवान “

आगोश
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गोली में जन्में भगवान “


‘यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।

अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।

धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ‘॥


भावार्थः जब जब धर्म की हानि होने लगती है और अधर्म आगे बढ़ने लगता है, तब तब मैं स्वयं की सृष्टि करता हूँ, अर्थात् जन्म लेता हूँ । सज्जनों की रक्षा एवं दुष्टों के विनाश और धर्म की पुनःस्थापना के लिए मैं विभिन्न युगों (कालों) मैं अवतरित होता हूँ


गीता का वचन पूरा हुआ  और कृष्ण भगवान का जन्म साकार हुआ  ।  कलयुग में  अवतरित अवतार को  क्या नाम दूँ  ? बहुत सोच-समझकर ज्ञानी  पंडितों  विचारको जगत गुरु शंकराचार्य पंडितों से नामकरण सुझावों  के बाद पृथ्वी  पर साकार निराकार भगवान का अवतार हुआ ।  पृथ्वी  गोल के स्वरुप कण-कण में भगवान के अनुरूप नाम रखा गया ‘गोली भगवान’ ।



” बोल गोली भगवान की जय “


कण-कण में भगवान  है । इसलिये कलयुग अवतार का गोली में समावेश हुआ  है । चिन्तन मनन के बाद आभास हुआ गोली सार्थक स्वरूप है । इस कलयुग में  गोली बिना सब सुन है, चारों तरफ गोली की मांग व  गूंज  है, गर्भधारण से ही गोली का प्रयोग शुरु हो जाता है । आज फैशन हो गया है, सरकारी अध्यादेश के अनुसार विवाह करने की आयु लड़की 18 वर्ष, लड़का 21 वर्ष है, परन्तु इस उम्र के बाद ही 35 से 40 साल में  शादी करने का नया चलन हुआ है । इस बीच जज्बातों को रोकने के  लिये गोली खाई जाती है । फिर जल्दी बच्चा न हो या परिवार नियोजन को खाई जाती है गर्भनिरोधक गोली । माँ के गर्भ मे बच्चा हो तो स्वास्थ  कर्मी द्वारा दी जाती है गोली । चूर्ण की भी होती है गोली, रात को नींद न आये तो लोग खाते हैं गोली, शारीरिक मर्ज हो निदान हेतु खाई जाती है गोली । जीवन से छुटकारा पाना हो तो लोग खाते सल्फास की गोली । अनाज को अगर कीड़े-मकोड़ो से बचाना हो तो  टंकियों और बोरी में लगाते हैं सल्फास की गोली, अगर चुहे ज्यादा परेशान कर रहे हों और चुहेदान को धता बता दी हो, तो लोग डालते हैं चुहे के दस्तीवारंट की गोली । गोली भगवान की सबसे बड़ी उपयोगिता के रूप में जलबोर्ड पानी में लगाती है क्लोरिन की गोली । ये सब गोली भगवान के साकार रूप हैं । माँ के गर्भ से लेकर मौत तक जीवन का स्पर्श निभाती है गोली । सरहद पर जवान को शहीद बनाती है गोली ।


” बोल गोली भगवान की जय “



अब कुछ गोली भगवान के निराकार रूपों का अवलोकन कर लिया जाये :


” लाठी में गुन  बौहत   है, सदा राखिओ संग,

गिरधर कवि राय की उत्तम कुण्डली आज के ज़माने में निरथर्क हो गई है । यह हुआ  है, गोली भगवान की क्रपा से । बंदूक, तमंचा, तोप, कारबाईन  इत्यदि का जमाना है, जिनसे चलती है गोली । अगर किसी से झगड़ा हो जाय तो मार साले को गोली, शिकार में भाले, बरछे, अब कहाँ रहे, अच्छे – अच्छे हाथी, शेर को मारती है गोली। हर समय दुशमन एक दुसरे पर घात लगाये देखते ही देखते मारते हैं गोली, और तो और गोली भगवान का ऐसा अवतरण साधु संत भी रखते हैं, कमण्डल में पिस्टल और मौका आने पर बोली की जगह चलती  हैं गोली, कहीं भी उपद्रव हो वहीं चलती है गोली, आतंकवादी, नक्सलवादी, माओवादी, चोर, डाकू, पुलिस, फ़ौज, नेता, अभिनेता, सभी लिये  हुये  हैं ऐसे-ऐसे हथियार जिन से चलती है गोली, संसद में सांसदों पर मंदिर व मस्जिद, गुरूद्वारे तथा पूर्व प्रधानमंत्री पर चल चुकी गोली ।


बिन पद चलेऊ  सुनेऊ बिन काना, बिन कर  करम करेऊ विधिनाना

(राम चरित मानस )


गोली भगवान निराकार निर्गुण स्वरूप कार्य करती है गोली…….


” बोल गोली भगवान की जय “

कलयुग में गोली भगवान कलपुर्जो के स्वामी हैं :


” उपर चले रेल का  पहिया, नीचे फिरे सवारी  “


शायद ही कोई काम व  मशीन हो जो बिना गोली के चल रही हो, बैरिंग जिन में लगी है गोली छत पर पंखा घूम रहा है, घूम रही है बैरिंग मे लगी गोली,    बिजली  की बड़ी-बड़ी  मोटर को घुमा  रही  है  गोली । सश्रम  से लेकर

बड़े-बड़े उद्योग को चला रही है गोली । कहाँ नहीं है गोली कहाँ तक वर्णन करूँ कहाँ-कहाँ है गोली :


इसलिये मैं तो यही कहूँगा आज के जीवन की गति है गोली ।


” बोल गोली भगवान की जय “


कुछ लोग सामाजिक जीवन में भी अपना किरदार निभाती है गोली, जैसे  मुहावरा है,  ” अच्छा  बेटा दे गया गोली “। बहुत से लोगों को कहते सुना है


” फलां बड़ा गोली बाज  है “

या

फिर

” गोली गुल्लक कहत है, दोनों गुन की खान ।

हाथ लगी उनको भली, जिनको इनकी पहचान ।”


गोली भगवान का धर्म युद्ध शुरू हो चुका है । देशों  मे गोली भगवान अपनी इस्लामिक प्रचंड अवस्था मे प्रगट होकर कई देशों मे तख्ता पलट चूका है जहां भी गोलियाँ चली है वही लाखों आदमियों को गोली मार  चुकी है ।आगे भी अन्य देशों मे गोली भगवान  पैर पसार चुके है । गोली भगवान को अधर्मियों का नाश कर धर्म की स्थापना करनी है ऐसा गोली भगवान कर रहे है । भारत देश की दुर्दशा को देख कर ऐसा लग रहा है भविष्य मे फिर गोली भगवान एक महाभारत को जन्म  दें । पहले महाभारत मे धनुषबाण और दैवीय अस्त्र शस्त्र चले थे ।

अब अगर महाभारत हुआ तो गोली भगवान ही संपन्न करायेंगे ।

इन  सब बातों और तर्कों से आप भी मेरे गोली ज्ञान से सहमत होंगे । इस तरह गोली भगवान की महिमा  व

गुणों का व्यखान करना सागर को गागर मे भरने  जैसा है ।

बोल गोली भगवान की जय ।


हिंदीलेखकडॉo .हिमांशुशर्मा(आगोश )





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