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ऐ इतिहास बता मुझको कहाँ भयंकर भूल हुई।
क्यों रोती है मानवता क्यों साड़ी तार-तार हुई।
मद अंध हुये थे कौरब-द्रोपती क्यों लाचार हुई।
करते ना कृष्ण सहायता-नारी क्यों असहाय हुई।
ऐ इतिहास बता मुझको—–(1)
शरण स्थल बन रहा है भारत, ऐसी ये क्या बात हुई।
आज बता हे भारत माता- शहीदों की क्या कमी हुई ।
बुत परस्त बैठे हैं लीडर-क्या इनकी मिली भगत हुई ।
पैसठ साल से ना सूखे आंसू-फिर से तू शर्मसार हुई।
ऐ इतिहास बता मुझको——(2)
ये फिसाद नहीं एक षड्यंत्र है, अफ्बाओं की हवा हुई।
नहीं मिली सुरक्षा की गारंटी घर लौटने की दिशा हुई।
किसको खोजे किसको रोकें,किस्से ऐसी खता हुई।
भय के साये में है जीवन-क्यों गल्ती बारम्बार हुई।
ऐ इतिहास बता मुझको —–(3)
गौतम नानक का देश हमारा -यहाँ शांति की ज्योति जली हुई।
विविध रंग बिखरे हैं देश मे,गीता के संदेशों की गूँज हुई।
अखंड भारत की अक्षुणता को भंग करने की साजिस जरुर हुई।
आओ मिल बोलें जय हिंद के नारे,सीमायें यहाँ की जगी हुई।
ऐ इतिहास बता मुझको —–(4)
डॉo हिमांशु शर्मा (आगोश)
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