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‘उबल रहा है भारत मेरा शहीदों की सहादत पर ‘
”अनकिन्ही बाते करें सोवत जागै जोय
ताहि सिखाय जगायवो, रहिमन उचित न होय”।
‘हमारे देश की वर्तमान स्थिति पर रहीम दास जी का यह छंद सोल्ह आने सही बैठता है, हमारी सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। सब कुछ जानकर भी अंजान बनी रहती है, आज प्रत्येक भारतवासी मुट्ठी भर पाक के दुसाहस पर उबल रहा है, ऐसा नहीं है कि हमारे सरकार के नुमायन्दे जागे नहीं हैं या उन्हे अपने जवान बेटों की सहादत का पता ना हो , सब जानकर भी अंजान बने बैठे हैं । सच ,जानकर भी सोने का बहाना, इन्हें कितना भी देश झंझोरे, पर ये जागकर भी सोये पड़ें हैं ,क्या ये अपाहिज हैं ,या ये बुढे हैं या इनका खून ठंडा और जोश के तो होश उडे पडे हैं। अब सबाल सव्र का बाँध ! अरे कौन सा बाँध !,,,,,,,,
हमारे शहीद हेमराज का सिर काट कर पाक क्या नापाक सैनिक ले गये पांच जवानों को मार दिया गया मगर इन बुढे निर्लज बापों (नेतागण) या पापों को देखो जिनको अपने जवान बेटों की अर्थी उठाकर भी खून नहीं खौला जबकि कहा जाता है कि एक बाप के लिये सबसे बड़ा बोझ अपने बेटे की अर्थी को कन्धा देना होता है ,,,,ऐसे नेताओं पर धिक्कार है जो अपने शहीद बेटों की सहादत पर दो आंसू डालने या दुश्मन को मुहँ तोड़ जबाब देने की बजाह घर मे मुहँ छिपाकर राजनीति की सियासत कर रहे हैं । इतना सब कुछ सहने के बाद भी पाक से दोस्ती की आशा ! पिला लो सांप को दूध मगर उगलेगा जहर । पाक से बातचीत की नहीं बल्कि जंग की जरुरत है’ ।
डॉo हिमांशु शर्मा (आगोश )
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